आतंकवाद, माओवाद जैसे वैश्विक खतरों के जैसे और खतरों की बात करे तो उसमे घुसपैठ को भी शामिल करना गलत नही कहा जा सकता है | आज विश्व के कई देश घुसपैठ की समस्या से जूझ रहे है | और भारत जैसे कई देश तो इससे बचने के लिए करोड़ो रुपया भी खर्च कर रहे है लेकिन क्या भारत घुसपैठ से सुरक्षित है ? जी नही, भारत के असम राज्य की स्तिथि ये हो गयी की घुसपैठ की वजह से उनकी संस्कृति ही खतरे में आ गयी, यही नही असम के लोगो को अब ये डर भी सता रहा है की कही कोई घुसपैठिया उनका मुख्यमंत्री न बन जा जाए क्योंकि ऐसा देखा गया है की जो घुसपैठिये असम में आये उन्होंने ताबड़तोड़ बच्चे पैदा किये है जिससे असम की पूरी डेमोग्राफी को अब खतरा है|
तो यहाँ ग्रीस का जिक्र क्यों ?
ग्रीस भी घुसपैठ की समस्या से जूझ रहा था और जब ग्रीस ने इसका विरोध करना चाहा तो लिबरल वर्ग का विरोध भी झेला।
तो ग्रीस अब चर्चा में क्यो?
बीती रात यानी 29 जून 2021 की देर रात कुछ 20 से 30 के संख्या में घुसपैठिये तुर्की से ग्रीस में प्रवेश लेना चाह रहे थे। ग्रीस की पुलिस फ़ोर्स ने देखा तो दौड़ा लिया। ऐसे में घुसपैठिये वापस तुर्की बॉर्डर की तरफ भागे और कुछ तो वापस भाग जाने में कामयाब भी रहे लेकिन जो रह गए उनके साथ जो हुआ वो दिल दहला देगा।
क्या हुआ उनके साथ?
बतौर असाद हन्ना जो की एक मानवाधिकार एक्टिविस्ट है ये कहते है की "घुसपैठियो का एक पूरा समूह ग्रीस में घुसने की फिराक में था और घुसने में कामयाब भी हो जाता है और तभी ग्रीस की पुलिस उन्हें गिरफ्तार कर लेती है, बुरी तरह पीटती है, उनके कागजात जैसे की घर का पता या पहचान पत्र छीन लेती है और उनके कपड़े उतरवा लेती है और वापस तुर्की भेज देती है।
सुनने में बहुत वीभत्स लगता है लेकिन अगर बात करे एक ऐसे देश की जिसके पास इतना पैसा नही हैं की वो अपने देश में घुसपैठ रोकने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर बनवा सके तो वो घुसपैठ रोकने के लिए बेशक ऐसे ही खौफनाक तरीके का सहारा लेगा जो की घुसपैठियों में खौफ पैदा करे और फिर वो कभी दुबारा उस देश में घुसपैठ करने की सोच भी न सके।
क्या भारत ऐसे तरीके अपना सकता है?
मेरे हिसाब से तो भारत ऐसे तरीके नही अपनाएगा क्योंकि भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बैकलैश का खतरा है। हा पर भारत कुछ कदम जरूर उठा रहा है जो की मेरे हिसाब से भविष्य में कारगर साबित होंगे।
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